"ठंडी -नज़र"(रुबाइ)

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 "ठंडी नज़र वो हुस्न की   महकी  हुई  परछाइयां !   चलतीं  हैं तभी ज़ोर  से   ये  इश्क़  की  पुरवाइयां‌!!   सांस को ताज़ा दिल को   इत्र   में ...

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